Saturday, July 6, 2024
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2024 में बसंत पंचमी कब है?, जानें सरस्वती पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Basant Panchami 2024: हिंदू धर्म में बसंत पंचमी पर अपना विशेष महत्व है। मान्यताओं के अनुसार, हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन यह पर्व मनाया जाता है। आइए जानते हैं, बसंत पंचमी की सही तिथि।

Basant Panchami 2024 Date: वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन बसंत पंचमी पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस विशेष दिन पर विद्या की देवी माता सरस्वती की उपासना करने से धन, समृद्धि, ज्ञान और बुद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि इस विशेष दिन पर पूजा-पाठ और स्नान ध्यान करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस वर्ष बसंत पंचमी पर्व की तिथि को लेकर कुछ लोगों के मन में संशय। ऐसे में आइए, आचार्य श्याम चंद्र मिश्र से जानते हैं, वर्ष 2024 में कब मनाई जाएगी बसंत पंचमी और पूजा शुभ मुहूर्त?

बसंत पंचमी 2024 तिथि (Basant Panchami 2024 Tithi)
आचार्य मिश्र बताते हैं कि माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 फरवरी दोपहर 02:45 पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 14 फरवरी दोपहर 12:09 पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि के अनुसार पर्व की तिथि को निर्धारित किया जाता है। इसलिए बसंत पंचमी पर्व 14 फरवरी 2024, बुधवार के दिन मनाया जाएगा।

बसंत पंचमी 2024 पूजा मुहूर्त और शुभ योग (Basant Panchami 2024 Shubh Muhurat)
बसंत पंचमी के दिन शुभ मुहूर्त के विषय में आचार्य मिश्र बताते हैं कि इस दिन माता सरस्वती की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 07:01 से दोपहर 12:35 के बीच रहेगा। इसके साथ इस दिन शुभ और शुक्ल युग का निर्माण हो रहा है। शुभ योग शाम 07:59 तक रहेगा और इसके बाद शुक्ल योग शुरू हो जाएगा। इसके साथ इस दिन रवि योग का भी निर्माण हो रहा है जो सुबह 10:40 से शुरू होगा। इन सभी समय अवधि को शुभ मुहूर्त की स्वीकृति प्राप्त है।

बसंत पंचमी के दिन इन बातों का रखें ध्यान (Basant Panchami Niyam)

  1. बसंत पंचमी के दिन स्नान-ध्यान के बाद ही भगवान की उपासना करनी चाहिए, साथ ही इस दिन भूलकर भी किसी को अपशब्द नहीं कहना चाहिए, ऐसा करने से पूजा का फल नष्ट हो जाता है और कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
  2. बसंत पंचमी पर्व के दिन मांस, मदिरा का सेवन वर्जित है, साथ ही इस दिन तामसिक भोजन यानी प्याज-लहसुन का सेवन भी नहीं करना चाहिए। शास्त्रों में बताया गया है कि इस विशेष दिन पर सात्विक भोजन करने से मन शुद्ध रहता है और पूजा का फल प्राप्त होता है।
  3. बता दें की माता सरस्वती को पीला रंग बहुत ही प्रिय है। इसलिए इस विशेष दिन पर पूजा-पाठ के समय मां सरस्वती को पीला वस्त्र अर्पित करें और खुद भी पीला वस्त्र धारण करें, इसके साथ पूजा के दौरान किताब, कलम या किसी वाद्य यंत्र की पूजा भी जरूर करें।
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