उत्तर प्रदेश की अवध नगरी अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की देख-रेख में रामलला का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो चुका है। 22 जनवरी 2024 को भव्य मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। राम मंदिर का निर्माण उस स्थान पर हुआ है जिसे भगवान राम की जन्मस्थान माना जाता है। 5 अगस्त 2020 को भूमिपूजन के साथ राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत की गई थी।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा निर्माणाधीन मंदिर की देखरेख की जा रही है। प्राचीन भारतीय महाकाव्य, रामायण के अनुसार, राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। इसे रामजन्मभूमि कहा जाता है जो सरयू नदी के तट पर बसा है। 15वीं शताब्दी में मुगलों ने रामजन्मभूमि पर बाबरी मस्जिद का निर्माण किया, लेकिन हिंदुओं का मानना है कि इस मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर को खंडित करने के बाद किया गया था।
9 नवंबर 1989 को विश्व हिंदू परिषद के नेताओं और साधुओं के एक समूह ने विवादित भूमि पर 7 घन फुट का गड्ढा खोदकर आधारशिला रखी थी। विवाद का हिंसक रूप दिसंबर 1992 में बढ़ गया और इसके बाद बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ तो कई कानूनी विवाद भी हुए, लेकिन कानूनी विवादों के बाद भी फैसला रामलला के ही हक में आया।
साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का फैसला सुनाया था। इसके बाद 25 मार्च 2020 को रामलला टेंट से निकलकर फाइबर से बने मंदिर में शिफ्ट हुए थे और इसके बाद 5 अगस्त को भूमि पूजन किया गया था और अब रामलला अपने मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होंगे। इसके बाद 24 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे। फिर सभी भक्तगण मंदिर में भगवान राम के बाल रूप रामलला के दर्शन कर सकेंगे।