Thursday, July 4, 2024
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ऑफिस में काम करते होने लगा हैं कमर दर्द, तो कुर्सी पर बैठे करें इन योगासनों का अभ्यास, कमर दर्द ,शरीर दर्द और थकान होगी दूर

Yoga Tips:

रोजाना दफ्तर में घंटों डेस्क पर एक ही मुद्रा में बैठकर काम करने वाले लोगों को कई तरह की समस्या हो सकती हैं। अधिकतर दफ्तर का कार्य लगभग 9 से 10 घंटे का होता है, जिसके कारण कर्मचारी के मन और शरीर दोनों पर ही प्रभाव पड़ सकता है। दिनभर बैठे बैठे काम करने से सिरदर्द, थकान और स्ट्रेस की समस्या होना सामान्य है। वहीं कई लोगों को कमर और पीठ में दर्द की शिकायत होने लगती है। इसके अलावा चर्बी भी बढ़ने लगती है। बिना शारीरिक सक्रियता के कुर्सी पर बैठकर काम करने से मोटापा बढ़ता है और पेट निकलने लगता है। हालांकि विशेषज्ञ लगातार बैठे बैठे दफ्तर का काम करने के कारण होने वाली समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए योग के अभ्यास की सलाह देते हैं। योग शारीरिक और मानसिक तौर पर फिट रखता है। व्यस्त जीवनशैली में अगर आपके पास योगाभ्यास समय नहीं रहता तो दफ्तर में ही कुछ योगासनों का अभ्यास किया जा सकता है। ऑफिस में कुर्सी पर बैठे बैठे योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं। आइए जानते हैं दफ्तर में आसानी से कुर्सी पर बैठकर किए जाने वाले योगाभ्यास।

  1. दफ्तर में करें स्ट्रेचिंग

ऑफिस में बैठकर आप आसानी से स्ट्रेचिंग करके दिनभर की थकान और शरीर में होने वाले दर्द से राहत पा सकते हैं। स्ट्रेचिंग ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करता है और मांसपेशियों में हो रहे दर्द से छुटकारा मिलता है। स्ट्रेचिंग से शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम करने में फायदा मिलता है।

स्ट्रेचिंग करने का तरीका –

स्टेप 1- दफ्तर में बैठकर स्ट्रेचिंग करने के लिए सबसे पहले अपनी बाहों को ऊपर उठाएं और दोनों हाथों को सिर के ऊपर लाएं।
स्टेप 2- अब दोनों हाथों को सिर के ऊपर क्रॉस करके शरीर को कमर के ऊपर की ओर खींचे और हाथों पर जोर दें।
स्टेप 3- सांस को अंदर खींचते हुए हाथों और शरीर के ऊपर भाग को स्ट्रेच करें।

तीन से चार बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।

  1. चेयर पोज

तनाव, सिरदर्द, कमर दर्द और बदन दर्द से छुटकारा पाने के लिए दफ्तर में चेयर पोज का अभ्यास कर सकते हैं। इसके अभ्यास से कमर, रीढ़ की हड्डियों और पैरों को मजबूती मिलती है। छाती, पीठ के निचले हिस्से को फायदा मिलता है। इस आसन को मार्जरी-बितिलासन भी कहते हैं।

चेयर पोज करने का तरीका –

स्टेप 1- इस आसन को करने के लिए चेयर पर बैठकर रीढ़ की हड्डी को सीधा करें और दोनों दोनों पैरों को फर्श पर रखें।
स्टेप 2- दोनों हथेलियों को पैरों के घुटनों पर रखकर लंबी सांस को भीतर की ओर खींचते हुए सीने को बाहर की ओर निकालें।
स्टेप 3- कंधे को पीछे की ओर ले जाएं और धीरे धीरे सांस छोड़ें। रीढ़ की हड्डी को पीठ की तरह ले जाकर मोड़ें।

इस आसन को कम से कम पांच बार दोहराएं।

  1. ऊर्ध्व हस्तासन

इस आसन को करने से तनाव कम होता है। शारीरिक संतुलन बेहतर बनता है और रीढ़ की हड्डी सीधा रखने में मदद मिलती है, जिससे गर्दन, कमर और पीठ का दर्द कम होता है।

ऊर्ध्व हस्तासन करने का तरीका –

स्टेप 1- इस आसन का अभ्यास करने के लिए कुर्सी पर बिल्कुल सीधा बैठकर सांस को अंदर की ओर खींचे और दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं।
स्टेप 2- कुछ देर इसी पोज में रहने के बाद सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे ले आएं।

इस योग को 10 से 15 बार दोहराएं।

नोट: यह लेख योगगुरु के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। आसन की सही स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।

अस्वीकरण: इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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